भारत में बाल विवाह एक बहुत पुरानी और बुरी परंपरा है। कई गांवों और छोटे शहरों में आज भी कम उम्र में बच्चों की शादी कर दी जाती है। इससे बच्चों की ज़िंदगी पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
सरकार ने अब इस पर कड़ा कदम उठाया है। 2025 में “बाल विवाह रोकथाम अभियान“ नाम से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में साफ कहा गया है कि अगर कोई भी कम उम्र में शादी करेगा या करवाएगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बाल विवाह क्या होता है?
जब कोई लड़की 18 साल से पहले और कोई लड़का 21 साल से पहले शादी करता है, तो उसे बाल विवाह कहा जाता है। भारत के कानून के हिसाब से यह पूरी तरह से गैरकानूनी (illegal) है।
बाल विवाह क्यों है खतरनाक?
- शरीर और दिमाग का विकास रुक जाता है।
- बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते।
- लड़कियों को बहुत कम उम्र में मां बनने का बोझ झेलना पड़ता है।
- घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव की समस्या होती है।
सरकार का नया अभियान – “बाल विवाह रोकथाम अभियान 2025″
सरकार का यह अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा। इसका मकसद है:
- नागरिकों को बाल विवाह से होने वाले नुकसान के बारे में बताना।
- बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना।
- गांवों में पंचायतों को जिम्मेदारी देना कि वे अपने इलाके में ऐसा न होने दें।
- कानून को सख्ती से लागू करना।
नया क्या है 2025 के बाल विवाह रोकथाम अभियान में?
- अगर कोई बाल विवाह करवाता है, तो उसे जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
- शादी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाएगा, ताकि हर शादी की जानकारी सरकार को हो।
- स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम होंगे, ताकि बच्चे खुद भी अपने हक के लिए आवाज उठा सकें।
शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है
सरकार मानती है कि अगर हर बच्चा स्कूल जाएगा और खासकर लड़कियां पढ़ेंगी, तो बाल विवाह खुद ही रुक जाएगा। इसलिए इस अभियान में स्कूलों को भी शामिल किया गया है।
लड़कियों को मिले अधिकार और आत्मविश्वास
लड़कियों को बताया जाएगा कि वे शादी से पहले पढ़ सकती हैं, नौकरी कर सकती हैं और अपने सपने पूरे कर सकती हैं। उन्हें सिखाया जाएगा कि अगर कोई जबरदस्ती शादी कराए, तो वे हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके मदद मांग सकती हैं।
कहां मिल सकती है बाल विवाह रोकथाम मदद?
- चाइल्डलाइन 1098 – यह एक टोल फ्री नंबर है, जिस पर बच्चे कभी भी कॉल कर सकते हैं।
- पुलिस हेल्पलाइन – किसी भी नजदीकी थाने में जाकर शिकायत कर सकते हैं।
- आंगनवाड़ी और स्कूल टीचर से बात करें – वे बच्चों की मदद जरूर करेंगे।
समाज का क्या रोल है?
सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। जब तक समाज जागरूक नहीं होगा, तब तक बाल विवाह जैसी बुराई नहीं रुकेगी। इसलिए माता-पिता, गांव के बड़े, स्कूल के शिक्षक और समाज के हर व्यक्ति को इस मुहिम में भाग लेना होगा।
हम क्या कर सकते हैं?
- अगर आपको किसी की कम उम्र में शादी होते दिखे, तो रिपोर्ट करें।
- बच्चों को स्कूल भेजें और उन्हें समझाएं कि पढ़ाई कितनी जरूरी है।
- लड़कियों को सपनों को पूरा करने का हक दें।
निष्कर्ष
“बाल विवाह रोकथाम अभियान 2025″ सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक बदलाव की शुरुआत है। अगर हम सब मिलकर साथ आएंगे, तो भारत को बाल विवाह से पूरी तरह आज़ादी मिल सकती है। बच्चों का हक है कि वे पढ़ें, खेलें, सपने देखें और खुश रहें। उन्हें जबरदस्ती शादी के बंधन में नहीं बांधना चाहिए।