First Class Admission Rule: अगर आप भी अपने बच्चे का पहली बार स्कूल में एडमिशन कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। अब भारत सरकार ने पहली कक्षा में एडमिशन के लिए उम्र की एक न्यूनतम सीमा तय कर दी है। इस नियम के अनुसार अब कोई भी बच्चा पहली कक्षा में तभी दाखिला ले सकेगा, जब उसकी उम्र कम से कम 6 साल होगी।
यह बदलाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि जब बच्चा 6 साल का हो जाता है, तब वह स्कूल के माहौल को अच्छे से समझ सकता है और पढ़ाई के लिए पूरी तरह तैयार होता है।
First Class Admission Rule पहले क्या थे नियम?
अब से पहले कई राज्यों में 5 साल की उम्र में भी बच्चों का एडमिशन पहली कक्षा में हो जाता था। कई माता-पिता बच्चों को जल्दी स्कूल भेजना चाहते थे ताकि वे आगे जल्दी ग्रेजुएट हो जाएं। लेकिन ऐसा करने से कई बार बच्चे पढ़ाई में पीछे रह जाते थे क्योंकि उनका दिमाग और शरीर अभी पूरी तरह से तैयार नहीं होता था।
First Class Admission Rule में नया क्या है?
👉 पहली कक्षा में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र कम से कम 6 साल होनी चाहिए।
👉 यह नियम पूरे देश में लागू होगा, लेकिन राज्यों को अपनी जरूरत के हिसाब से थोड़ा बदलाव करने की छूट होगी।
👉 अगर बच्चा मार्च के महीने में 6 साल का हो जाता है, तो वह उसी साल पहली कक्षा में प्रवेश के लिए योग्य माना जाएगा।
बच्चों को 6 साल की उम्र में स्कूल भेजने के फायदे
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✅ पढ़ाई में अच्छी समझ: 6 साल की उम्र में बच्चा अक्षर, शब्द और संख्याएं अच्छे से समझ सकता है।
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✅ स्कूल का माहौल अपनाना आसान: बच्चा स्कूल के अनुशासन और नियमों को जल्दी सीख लेता है।
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✅ अच्छा आत्मविश्वास: बच्चा बिना डर के क्लास में बोलने और सवाल पूछने की हिम्मत करता है।
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✅ खेल और पढ़ाई में संतुलन: बच्चा खेल-कूद और पढ़ाई दोनों में दिलचस्पी लेने लगता है।
माता-पिता के लिए जरूरी सलाह
आजकल के माता-पिता अपने बच्चों को जल्दी पढ़ा-लिखा कर सफल बनाना चाहते हैं। लेकिन सही उम्र पर स्कूल भेजना बहुत जरूरी है। अगर बच्चा बहुत जल्दी स्कूल जाएगा, तो वह खुद को ढाल नहीं पाएगा और पढ़ाई में पिछड़ सकता है।
इसलिए, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे की उम्र के साथ-साथ उसके मानसिक और शारीरिक विकास को भी देखें। 6 साल की उम्र में बच्चा स्कूल के लिए पूरी तरह से तैयार होता है।
क्या हर स्कूल इस नियम को मानेगा?
जी हां, यह नियम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत बनाया गया है। इसलिए हर सरकारी और प्राइवेट स्कूल को इसका पालन करना होगा।
हालांकि कुछ राज्यों में पहले से ही यह नियम लागू है, जैसे कि:
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दिल्ली में 6 साल की उम्र से पहले पहली कक्षा में एडमिशन नहीं होता।
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महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक जैसे राज्यों ने भी इस नियम को लागू कर दिया है।
कब से लागू होगा नया नियम?
यह नियम धीरे-धीरे पूरे देश में लागू हो रहा है। कुछ राज्यों में यह पहले से लागू है और कुछ राज्यों में आने वाले सालों में इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा। इसलिए एडमिशन से पहले अपने राज्य की सरकारी वेबसाइट या स्कूल से जानकारी जरूर लें।
क्या बच्चा नर्सरी और केजी में पहले जा सकता है?
जी हां, बच्चे को नर्सरी और केजी (LKG और UKG) में पहले से पढ़ाया जा सकता है।
👉 नर्सरी – 3 साल
👉 LKG – 4 साल
👉 UKG – 5 साल
इसके बाद जब बच्चा 6 साल का हो जाए, तब वह पहली कक्षा में एडमिशन के लिए पूरी तरह से तैयार होता है।
📌 सबसे जरूरी बात: अगर आपके पास कोई सवाल है या आप यह जानना चाहते हैं कि आपके राज्य में यह नियम लागू हुआ है या नहीं, तो आप अपने नजदीकी स्कूल या शिक्षा विभाग से संपर्क कर सकते हैं।