Rajasthan Food Security Scheme Update 2025: राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक ऐसा फैसला लिया है, जिसने राज्य के लाखों गरीब और जरूरतमंद लोगों को चौंका दिया है। राज्य की फूड सिक्योरिटी स्कीम यानी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अब करीब 17 लाख लोगों को मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। इस फैसले के बाद लोगों में ग़ुस्सा भी है और डर भी। बहुत से लोग सोच में पड़ गए हैं कि अब उनका गुज़ारा कैसे होगा।
Rajasthan Food Security Scheme
सरकार की यह योजना गरीबों को सस्ती दर पर या बिल्कुल मुफ्त में चावल, गेहूं, दाल, तेल और चीनी जैसी ज़रूरी चीजें देती है। ये सामान सरकारी राशन की दुकानों से बांटे जाते हैं। इस योजना का मकसद यही है कि कोई भी भूखा ना रहे और हर गरीब के घर में चूल्हा जले।
अचानक क्यों हटाए गए राशन कार्ड से 17 लाख लोगों का नाम?
सरकार का कहना है कि उन्होंने फिर से जांच की है कि कौन लोग सच में इस योजना के हकदार हैं और कौन नहीं। उनके अनुसार, बहुत से लोग अब इतने गरीब नहीं हैं कि उन्हें मुफ्त राशन की ज़रूरत हो। इसलिए उन्होंने उन लोगों के नाम लिस्ट से हटा दिए हैं।
सरकार का यह भी कहना है कि अगर किसी की आर्थिक हालत पहले से बेहतर हो गई है, तो उसे योजना का फायदा नहीं मिलना चाहिए। इससे राशन उन लोगों तक पहुँच सकेगा, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
सरकार ने नोटिस भी जारी किया
राज्य सरकार ने जिन लोगों को योजना से हटाया है, उन्हें एक आधिकारिक नोटिस भी भेजा है। इसमें लिखा गया है कि वो अब इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। लेकिन सरकार ने यह भी कहा है कि अगर किसी को लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है, तो वो फिर से अपील कर सकते हैं। यानी वो दोबारा आवेदन कर सकते हैं और जरूरी दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
लोगों की परेशानी बढ़ी
इस फैसले से बहुत से परिवारों की चिंता बढ़ गई है। खासकर मध्यम वर्ग और निचले तबके के लोग जो पहले ही महंगाई से परेशान हैं, अब उन्हें खाने-पीने का सामान खरीदने में दिक्कत होगी। कुछ लोगों ने कहा है कि उनके घर में पहले ही आय का कोई खास जरिया नहीं है, अब राशन भी नहीं मिलेगा तो जीना मुश्किल हो जाएगा।
सरकार का पक्ष क्या है?
सरकार ने यह साफ किया है कि उनका मकसद किसी का हक छीनना नहीं है। उनका कहना है कि वे योजना को ज्यादा पारदर्शी और सही बनाना चाहते हैं। अगर किसी के पास अब अच्छी आमदनी है, तो उन्हें मुफ्त राशन नहीं चाहिए। इससे उन लोगों को मदद मिलेगी, जो सच में भूखे हैं और जिनके पास कुछ भी नहीं है।
सरकार का यह भी कहना है कि यह “क्लीनिंग प्रोसेस” हर साल किया जाएगा, ताकि योजना में गड़बड़ी ना हो।
क्या राशन दोबारा मिल सकता है?
हाँ, अगर किसी का नाम गलती से हट गया है, तो वो दोबारा से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें:
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अपनी आय का प्रमाणपत्र
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आधार कार्ड
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राशन कार्ड
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और एक सरल आवेदन पत्र
स्थानीय राशन ऑफिस या ई-मित्र केंद्र में जमा करवाना होगा। जांच के बाद अगर आप योग्य पाए जाते हैं, तो फिर से योजना में शामिल कर दिया जाएगा।
आगे क्या हो सकता है?
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जरूरतमंदों को फायदा: अगर योजना सही तरीके से लागू होती है, तो जो लोग आज भी भूखे सोते हैं, उन्हें इसका फायदा मिलेगा।
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जांच की पारदर्शिता: सरकार को यह देखना होगा कि कहीं किसी गरीब का नाम गलती से तो नहीं हट गया।
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समीक्षा और बदलाव जरूरी: समय-समय पर योजना की समीक्षा जरूरी है ताकि कोई गड़बड़ी ना हो।
निष्कर्ष: क्या यह फैसला सही है?
सरकार की मंशा सही हो सकती है, लेकिन तरीका थोड़ा सख्त लगा है। एक साथ 17 लाख लोगों को राशन से हटाना बहुत बड़ा कदम है। इससे कई घरों का चूल्हा ठंडा हो सकता है। अगर सरकार सच में योजना को ठीक करना चाहती है, तो उसे हर उस व्यक्ति की भी सुननी चाहिए जो इससे प्रभावित हुआ है। हर योजना तब ही सफल होती है, जब उसका फायदा सही लोगों तक पहुँचे।