आजकल हर कोई बैंक में बचत खाता (Saving Account) रखता है। हम अपनी सैलरी, छोटा-मोटा बिज़नेस या फिर रोज़ की बचत इसी खाते में रखते हैं। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि इसमें कितनी भी बार पैसा जमा करें या निकालें, कोई फर्क नहीं पड़ता – तो अब सावधान हो जाइए।
2025 से सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं जो खासकर उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं जो बचत खाते में बार-बार बड़ी राशि जमा या निकालते हैं। अगर आप इन नियमों को नजरअंदाज करेंगे, तो आपको इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) आ सकता है।
अब Saving Account में कितनी राशि जमा कर सकते हैं?
अगर आप सालभर में अपने सेविंग अकाउंट में ₹10 लाख या उससे ज्यादा जमा करते हैं, तो बैंक को यह जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है। इसे High-Value Transaction कहा जाता है।
सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि जो लोग काले धन को छुपाकर बैंक में जमा कर रहे हैं, उन पर नजर रखी जा सके।
एक दिन में कितनी कैश जमा कर सकते हैं?
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति एक दिन में ₹50,000 या उससे ज्यादा नकद जमा करता है, तो उसे पैन कार्ड (PAN Card) दिखाना जरूरी होता है।
अगर आपने पैन नहीं दिया, तो बैंक आपकी ट्रांजैक्शन रोक सकता है या फॉर्म 60 भरने को कह सकता है।
Section 269ST क्या कहता है?
यह इनकम टैक्स एक्ट की एक धारा है, जो कहती है कि कोई भी व्यक्ति एक दिन में ₹2 लाख या उससे ज्यादा नकद लेन-देन नहीं कर सकता। मतलब अगर आप किसी से ₹2 लाख से ज्यादा नकद लेते हैं या देते हैं, तो यह नियम तोड़ने माना जाएगा और जुर्माना लग सकता है।
High-Value Transaction की निगरानी कैसे होती है?
सरकार के पास अब एक मजबूत डिजिटल सिस्टम है, जिससे सभी बड़े लेन-देन पर नजर रखी जाती है। जैसे:
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बचत खाते में ₹10 लाख या ज्यादा की सालाना जमा
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एक साल में ₹1 लाख से ज्यादा का क्रेडिट कार्ड बिल
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म्यूचुअल फंड, शेयर या प्रॉपर्टी में बड़ा निवेश
अगर इनमें से कोई भी ट्रांजैक्शन आपके पैन से लिंक है, तो आयकर विभाग आपको नोटिस भेज सकता है और आपके पैसे का स्रोत पूछ सकता है।
कौन-कौन से दस्तावेज रखने चाहिए?
अगर आप टैक्स नोटिस से बचना चाहते हैं तो अपने बैंक ट्रांजैक्शन और कमाई के सभी प्रमाण सुरक्षित रखें:
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सैलरी स्लिप या व्यवसाय की इनकम प्रूफ
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निवेश से जुड़ी रसीदें
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बैंक स्टेटमेंट
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कैश जमा करने का कारण
अगर कभी नोटिस आता है, तो इन्हीं दस्तावेजों से आप अपनी सफाई दे सकते हैं।
बैंक को किन ट्रांजैक्शनों की जानकारी देना जरूरी है?
बैंक को कुछ खास ट्रांजैक्शनों की जानकारी साल के अंत में सरकार को देनी होती है:
लेन-देन का प्रकार | लिमिट (एक वित्तीय वर्ष में) |
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सेविंग अकाउंट में जमा | ₹10 लाख या उससे अधिक |
करंट अकाउंट में जमा | ₹50 लाख या उससे अधिक |
क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान (कैश) | ₹1 लाख या अधिक |
क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान (किसी भी माध्यम से) | ₹10 लाख या अधिक |
म्यूचुअल फंड/बॉन्ड/शेयर में निवेश | ₹10 लाख या अधिक |
अगर आप इस लिमिट को पार करते हैं तो बेहतर होगा कि पहले से टैक्स रिटर्न भरें और पैन/आधार सही से अपडेट रखें।
Income Tax Notice क्यों आता है?
अगर आप बार-बार बड़ी रकम जमा करते हैं लेकिन आपने टैक्स रिटर्न नहीं भरा या आपकी इनकम के हिसाब से पैसे ज्यादा नजर आते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शक हो सकता है। तब आपको नोटिस भेजा जाएगा जिसमें आपसे पूछा जाएगा कि आपने ये पैसे कहां से लाए।
आपको जवाब में सभी दस्तावेज दिखाने होंगे। अगर जवाब ठीक न हो तो जुर्माना या टैक्स मांग हो सकती है।
टैक्स नोटिस से कैसे बचें?
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जितनी इनकम है, उसी हिसाब से पैसा रखें और निवेश करें
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हर साल समय पर Income Tax Return (ITR) भरें
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PAN और आधार बैंक खाते से लिंक रखें
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कैश में ज्यादा लेन-देन से बचें
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हर जमा और निकासी का रिकॉर्ड रखें
निष्कर्ष
बचत खाते में पैसा जमा करना, निकालना और रखना हमारी वित्तीय स्वतंत्रता का हिस्सा है। लेकिन नई नियमों और लिमिट्स के बारे में जानकारी रखना आवश्यक है, ताकि हम इनकम टैक्स नोटिस से बच सकें। हमेशा अपने लेन-देन का रिकॉर्ड रखें और आवश्यक दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखें। इससे न केवल आप कानूनी समस्याओं से बचेंगे, बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी।